Rumored Buzz on Affirmation



..... से आया हूँ.मैं उनके चरण कमलों मैं बैठा था.

(मेरे प्रिय गुरु भाइयों , यदि में यहाँ पर कुछ गलती से गलत लिख गया हूँ तो में आप सभी से क्षमा चाहूँगा )

ना जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये।

भूलना मेरी आदत नहीं, यादाश्त चली जाये तो और बात है;

तुम्हारे बाद यह दिल गुफ्तगू नहीं करता;

आदतन तुमने कर दिये वादे, आदतन हमनेँ भी ऐतबार किया;

हमें और click here भी काम हैं तुम्हें याद करने के सिवा।

तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं;

ज़िंदगी अक्सर कुछ पाने के लिए नहीं होती;

कहानी बन के जियें हैं; वो दिल के आशियानों में!

ना उन्होंने याद किया, ना हम उन्हें भुला सके।

काम सदियों का है, लम्हों में कहाँ होता है।

माताजी-- मेरे बेटे में इसलिए तो यहाँ हूँ.

भूल जायेंगे आप हमें, पर भूलने वाले हम नहीं;

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